Friday, 19 August 2022

सोहर

जुग जुग जियसु ललनवा,
भवनवा के भाग जागल हो
ललना लाल होइहे,
कुलवा के दीपक मनवा में,
आस लागल हो ॥

आज के दिनवा सुहावन,
रतिया लुभावन हो,
ललना दिदिया के होरिला जनमले,
होरिलवा बडा सुन्दर हो ॥

नकिया तहवे जैसे बाबुजी के,
अंखिया ह माई के हो
ललन मुहवा ह चनवा सुरुजवा त सगरो,
अन्जोर भइले हो ॥

सासु सुहागिन बड भागिन,
अन धन लुटावेली हो
ललना दुअरा पे बाजेला बधइया,
अन्गनवा उठे सोहर हो ॥

नाची नाची गावेली बहिनिया,
ललन के खेलावेली हो
ललना हंसी हंसी टिहुकी चलावेली,
रस बरसावेली हो ॥

जुग जुग जियसु ललनवा,
भवनवा के भाग जागल हो
ललना लाल होइहे,
कुलवा के दीपक मनवा में,
आस लागल हो ॥

No comments:

Post a Comment

#नवरात्रि (गुप्त/प्रकट) #विशिष्ट मंत्र प्रयोग #दुर्गा #सप्तशती # पाठ #विधि #सावधानियां

जय जय जय महिषासुर मर्दिनी नवरात्रि के अवसर पर भगवती मां जगदम्बा संसार की अधिष्ठात्री देवी है. जिसके पूजन-मनन से जीवन की समस्त कामनाओं की पूर...