Wednesday, 31 August 2022

गणेशोत्सव

त्वमेव सर्वं खल्विदं ब्रह्मासि।
त्वं साक्षादात्मासि नित्यम्।

 वे ही ब्रह्म स्वरुप और नित्य हैं।

अत:एव अपने जीवन के सभी प्रकार के विध्नों के नाश एवं शुचिता व शुभता की प्राप्ति के लिए हमें गणेशजी की अभ्यर्थना अवश्य करनी चाहिए।_                      
                   गणपति के विविध मंत्र 
।।ॐ गं गणपतये नम:।।
।।ॐ हेम वर्णायै ऋद्धयै नम:।।
।।ॐ सर्वज्ञान भूषितायै सिद्धयै नम:।।
।।ॐ पूर्णायै पूर्णमदायै शुभायै नम:।।
।।ॐ पूर्णायै पूर्णमदायै लाभायै नम:।।
।।ॐ सौभाग्यप्रदायक धन- धान्य युक्तायै लाभायै नम:।।                               
   
      "श्रीसङ्कष्टनाशनगणेशस्तोत्रम्"

प्रणम्य   शिरसा   देवं   गौरीपुत्रं    विनायकम्।
भक्तावासं   स्मरेन्नित्यमायुष्कामार्थ    सिद्धये।।
  
    प्रथमं   वक्रतुण्डं   च  एकदन्तं    द्वितीयकम्।
   तृतीयं   कृष्णपिङ्गाक्षं   गजवक्त्रं  चतुर्थकम्।।

लम्बोदरं   पञ्चमं    च   षष्ठं   विकटमेव   च।
सप्तमं   विध्नराजेन्द्रं    धूम्रवर्णं  तथाष्टकम्।।

    नवमं   भालचन्द्रं   च   दशमं  तु   विनायकम्।
    एकादशं    गणपतिं   द्वादशं  तु   गजाननम्।।

द्वादशैतानि   नामानि   त्रिसंध्यं   यः  पठेन्नरः।
न   च  विध्नभयं  तस्य सर्वसिद्धिकरं  परम्।।

     विद्यार्थी  लभते  विद्यां धनार्थी  लभते  धनम्।
     पुत्रार्थी लभते पुत्रान् मोक्षार्थी लभते गतिम्।।

जपेद् गणपतिस्तोत्रं षड्भिर्मासैः फलं लभेत्।
संवत्सरेण  सिद्धिं   च  लभते  नात्र   संशयः।।

   अष्टेभ्यो ब्राह्माणेभ्यश्च लिखित्वा यः समर्पयेत्।
   तस्य  विद्या  भवेत्  सर्वा गणेशस्य प्रसादतः।।              💐💐💐💐💐💐💐💐💐

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