अनुशासित जीवन ही सफलता का आधार🙄😊
अनुशासन जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में लाभप्रद है, चाहे वह छात्र जीवन हो, परिवार जीवन हो, समाज जीवन हो या राष्ट्र जीवन ।
अनुशासन जीवन के हर क्षेत्र का प्राण है । जीवन में अनुशासन पालन न केवल आवश्यक ही है, अपितु अनिवार्य भी है ।
अनुशासित रूप में चलने पर ही जीवन की सफलता आधारित है । जहां अनुशासन नहीं, वहाँ सफलता नहीं, समृद्धि नहीं, विकास नहीं ।
तभी तो महाभारत युद्ध से पूर्व अर्जुन ने भगवान श्री कृष्ण से कहा था -🙏‘शाधि मां त्वां प्रपन्तम् ।’
🙏 प्रभो! मैं आपकी शरण में हूँ , मुझे अनुशासित कीजिए ।
जहां शील - संयम , सदाचार, मर्यादाओं का अनुपालन और जीवन की व्यवहारिक सीमाओं का सम्मान है,
वहाँ देव - अनुग्रह और प्राकृतिक अनुकूलताएँ सहज साकार होने लगती हैं ।😊
🙏आज इतना ही🙏
🙏 धन्यवाद 🙏


No comments:
Post a Comment