नवरात्रि के प्रथम दिन मां दुर्गा का पंचोपचार पूजन के बाद सुख, सौभाग्य, स्वास्थ्य सम्मान सम्पन्नता पाने के लिए मां से प्रार्थना करें और हाथ में लिया पुष्प (फूल) मां को चढ़ा दें।
इसके बाद निम्न मंत्र का -
"देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि में परमं सुखम्।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥"
इस श्लोक मंत्र का एक माला मंत्र जप करें।
मंत्र जप के बाद इसी श्लोक मंत्र का सम्पुट लगाकर दुर्गा सप्तशती से सम्पूर्ण "अर्गला" स्तोत्र का एक पाठ करें। अर्गलास्तोत्र पाठ पूरा करने के बाद- पुनः उपरोक्त श्लोक मंत्र का एक (1) माला मंत्र जप करें।
इस क्रिया को नवरात्रि के प्रत्येक दिन करें ।
ऐसा प्रयोग करने से मां की कृपा से सुख, सौभाग्य सम्पन्नता मिलता है। खराब स्वास्थ्य ठीक होने लगता है और परेशानियां आपसे दूर होने लगती हैं।
यह एक सफल प्रयोग है।
जगत जननी जगदम्बा के चरणों में श्रद्धा भाव से करना आवश्यक है।
॥जय मां दुर्गा॥
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