Friday, 8 March 2024

#अघोरेश्वर_महादेव_साधना

#अघोरेश्वर #महादेव #साधना
#अघोर #मंत्र :-
ॐ नमः शिवाय महादेवाय नीलकंठाय आदि रुद्राय अघोरमंत्राय अघोर रुद्राय अघोर भद्राय सर्वभय हराय मम सर्व कार्यफल प्रदाय हन हनाय ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ टं टं टं टं टं घ्रीं घ्रीं घ्रीं घ्रीं घ्रीं हर हराय सर्व अघोररुपाय त्र्यम्बकाय विरुपाक्षाय ॐ ह्रौं ह्रः ह्रीं ह्रः ग्रं ग्रं ग्रं ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ह्रौं ह्रः क्षां क्षीं क्षूं क्षैं क्षौं क्षः ॐ नमः शिवाय अघोरप्रलयप्रचंड रुद्राय अपरिमित वीरविक्रमाय अघोररुद्रमंत्राय सर्वग्रह उच्चाटनाय सर्वजनवशीकरणाय सर्वतोमुख मां रक्ष रक्ष शीघ्रं हूं फट् स्वाहा ।
ॐ क्षां क्षीं क्षूं क्षैं क्षौं क्षः ॐ ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ह्रौं ह्रः स्वर्गमृत्यु पाताल त्रिभुवन संच्चरित देव ग्रहाणां दानव ग्रहाणां ब्रह्मराक्षस ग्रहाणां सर्ववातग्रहाणां सर्व वेताल ग्रहाणां शाकिनी ग्रहाणां डाकिनी ग्रहाणां सर्व भूत ग्रहाणां कामिनी ग्रहाणां सर्व पिंड ग्रहाणां सर्व दोष ग्रहाणां सर्वपस्मारग्रहाणां हन हन हन भक्षय भक्षय भक्षय विरूपाक्षाय दह दह दह हूं फट् स्वाहा ॥
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अपने हाथ में धतूरे का फल या 11 बेलपत्र लेकर इस मन्त्र को आप एक बार करें। मंत्र पूरा हो जाने के बाद अपनी इच्छा बोलते हुए वह शिवलिंग के ऊपर समर्पित कर दें। बाद में इसे जल में विसर्जित करें।  
भगवान शिव का विशेष मंत्र है इसलिए किसी गलत इच्छा के लिए इसका प्रयोग नहीं करेंगे अन्यथा आप को नुकसान हो सकता है । 
       अपनी रक्षा या अपने ऊपर किसी प्रकार की तंत्र बाधा या किए कराए का शक हो तो आप इस प्रयोग को हर सोमवार एवं चतुर्दशी संपन्न करें, आपको अनुकूलता प्राप्त होगी। 
या शिव रात्रि में 108 बार करें। 
कोई नियम विधि बंधन नहीं। उन्मुक्त क्रोध और काम दोनों से बचें। 







#नवरात्रि (गुप्त/प्रकट) #विशिष्ट मंत्र प्रयोग #दुर्गा #सप्तशती # पाठ #विधि #सावधानियां

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