🙏🏻 शास्त्रों के अनुसार शनि देवजी का जन्म ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की #अमावस्या को रात के समय हुआ था।
🪔 इस बार शनि जयंती 19 मई 2023 शुक्रवार को पड़ रही है।
🌞 सुबह जल्दी स्नान आदि से निवृत्त होकर सबसे पहले अपने इष्टदेव, #गुरु और माता-पिता का आशीर्वाद लें।
🪔🪔पूजा क्रम शुरू करते हुए सबसे पहले शनिदेव के इष्ट भगवान शिव का 'ॐ नम: शिवाय' बोलते हुए गंगाजल, कच्चा दूध तथा काले तिल से अभिषेक करें।
🪔अगर घर में #पारद #शिवलिंग है तो उनका अभिषेक करें अन्यथा शिव मंदिर जाकर #अभिषेक करें। भांग, धतूरा एवं हो सके तो 108 #आंकडे़ (#मदार) के #फूल जरूर चढ़ाएं।
🪔#द्वादश #ज्योतिर्लिंग के नाम को उच्चारण करें-
🙏🏻 सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।
🙏उज्जयिन्यां महाकालमोंकारं ममलेश्वरम् ॥1॥🙏
🙏परल्यां वैजनाथं च डाकियन्यां भीमशंकरम्।
🙏सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने ॥2॥🙏
🙏वारणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमी तटे।
🙏हिमालये तु केदारं ध्रुष्णेशं च शिवालये ॥3॥🙏
🙏एतानि ज्योतिर्लिंगानि सायं प्रातः पठेन्नरः।
🙏सप्तजन्मकृतं पापं स्मरेण विनश्यति ॥4॥🙏
🪔अब #शनिदेव की पूजा शुरू करते हुए सर्वप्रथम शनिदेव का सरसों के तेल से अभिषेक करें।
🌷 “ॐशं शनैश्चराय नम:” का निरंतर जप करते रहें ।
🔥 सरसों के तेल का दीपक प्रज्वलित करें तथा कस्तूरी अथवा चन्दन की धूप अर्पित करें ।
🌷 शनि के #वैदिक #मंत्र का उच्चारण करें-
नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्
छायामार्तण्ड संभूतम् तम नमामि शनैश्चरम्॥
🌷 अब #शनि #स्त्रोत्र का #पाठ करें🌷
नमस्ते कोण संस्थाय पिंगलाय नमोऽस्तुते।
नमस्ते बभ्रुरुपाय कृष्णाय नमोऽस्तुते॥
नमस्ते रौद्रदेहाय नमस्ते चांतकायच।
नमस्ते यमसंज्ञाय नमस्ते सौरये विभो॥
नमस्ते मंदसंज्ञाय शनैश्चर नमोऽस्तुते।
प्रसादं कुरू देवेश दीनस्य प्रणतस्य च॥
🔥 शाम को #पीपल के वृक्ष के नीचे #तिल के #तेल के #दीपक को प्रज्जवलित करें।
🙏शनिदेव से प्रार्थना करें कि सभी #समस्याएं दूर हों और बुरे समय से पीछा छूट जाए।
🙏इसके बाद पीपल की #सात #परिक्रमा करें।
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- नारायण आध्यात्मिक ऊर्जा 🙏